पुष्यमित्र भार्गव को न 22 सालो में भाजपा महापौरो की उपलब्धियों और कमियों का पता और न ही इंदौर को लेकर भविष्य की कोई योजना! जब स्मार्ट शहरों की पूरी योजना, नीतियां और समाधान केंद्र और राज्य सरकारों से आ रहे हैं! तो शहरों के महापौर प्रत्याशी के लिए पुष्य मित्र भार्गव जैसे सरकारी प्रशासनिक चेहरो की ही आवश्यकता है …
Read More »शौचालय के लिए जो जितने अधिक गड्ढे खोदे उसे मिले श्रेष्ठ शिक्षक का सम्मान !
गांवों में तो आज भी माट्साब ही कहा जाता है जो सुधर कर शहरों में आते आते मास्टर हो जाता है। वैसे तो यह अंग्रेजी का शब्द है जिसका आसान हिंदी तर्जुमा शिक्षक समझा जाता है, टीचर का अर्थ भी यही मान लिया जाता है। पन्ना सीईओ ने तो मास्टर का यही अर्थ समझा है जो हर काम में महारत …
Read More »टांगा क्या किसी को उल्टा !
एक महीना तो हो गया । खबरों में तो कहीं सुनने देखने में नहीं आया कि सीएम ने किसी कलेक्टर, कमिश्नर को उल्टा टांगा हो। हां जिलों में कलेक्टरों, हर चार-पांच कलेक्टरों के सिर पर कमिश्नर बैठे होने के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही कहें या आमजन की परेशानी का आलम यह है कि किसी विभाग में हाथों हाथ समस्या के निराकरण …
Read More »सिर्फ़ अपनी पीठ न थपथपाये सरकार
देश में आज भी छोटे-बड़े क़स्बों और गांव-देहात में पारंपरिक चूल्हे पर खाना पकाया जाता है। इनमें लकड़ियां और उपले जलाए जाते हैं। इसके अलावा अंगीठी का भी इस्तेमाल किया जाता है। अंगीठी में लकड़ी और पत्थर के कोयले जलाए जाते हैं। लकड़ी के बुरादे, काठी और तेंदुए के पत्तों से भी अंगीठी दहकाई जाती है। ऐसी अंगीठियां अमूमन उन …
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