परिचय :- कीर्ति राणा,मप्र के वरिष्ठ पत्रकार के रुप में परिचित नाम है। प्रसिद्ध दैनिक अखबारों के विभिन्न संस्करणों में आप इंदौर, भोपाल,रायपुर,उज्जैन संस्करणों के शुरुआती सम्पादक रह चुके हैं। पत्रकारिता में आपका सफ़र इंदौर-उज्जैन से श्री गंगानगर और कश्मीर तक का है। अनूठी ख़बरें और कविताएँ आपकी लेखनी का सशक्त पक्ष है। वर्तमान में एक डॉट कॉम,एक दैनिक पत्र …
Read More »ओझल हुआ राजनीति का ध्रुवतार
अटलजी की सभा के लिए कभी भीड़ नहीं जुटाना पड़ी जैसे नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी की सभा के लिए महीनों पहले से भीड़ जुटाने की रणनीति पर काम करना पड़ता है ऐसे दिन कभी अटलजी की सभा के लिए नहीं देखना पड़े। अटल जी की सभा यानी सिंहस्थ के स्नान की तारीख जहां बिना निमंत्रण के ही लोग अपने …
Read More »अपन तो गपोड़ा नहीं मानते !
मुझे समझ नहीं आता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐसा क्या गलत कह दिया कि बवाल मच गया। अमरीका यात्रा पर गए सीएम ने एयरपोर्ट से कार में गंतव्य की ओर रवाना होते हुए जो दचके खाए होंगे, उससे ही तो उन्हें सड़कों की दुर्दशा का अहसास हो गया होगा। इसीलिए तो उन्होंने ट्विट कर के अपने प्रदेश के लोगों को …
Read More »सरकार की ‘अनुपम’ नियुक्ति
साल पहले जब टीवी धारावाहिक के कारण पहचाने जाने वाले गजेंद्र चौहान को फिल्म एन्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) का अध्यक्ष बनाया गया था, तब फिल्मी दुनिया ही नहीं, अन्य क्षेत्रों से भी इस नियुक्ति पर आश्चर्य और विरोध व्यक्त किया गया था। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अब अनुपम खैर को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया है। अनुपम के चयन …
Read More »खाकी का ऐसा खौफ तो ठीक नहीं!
पुलिस की वर्दी का ऐसा खौफ भी हो सकता है क्या? यह प्रश्न परेशान किए हुए है। जो घटना देखने-पढ़ने में आई है वह यह कि इंदौर के विजयनगर थाना क्षेत्र स्थित कृष्णबाग कॉलोनी में शनिवार की रात दो पुलिसकर्मी किसी रमेश नामक व्यक्ति का मकान तलाश रहे थे। एक मकान के नीचे रामकिशन नामक आटो चालक खड़ा था। पुलिस …
Read More »“टॉयलेट” एक राजनीति कथा
आज से तीन साल पहले तक किसी ने कल्पना की थी कि ‘टॉयलेट’ रोजमर्रा की जिंदगी में इतना अहम हो जाएगा। यह भी कहा सोचा था कि जिस का जिक्र करने मात्र से नथुनों में सड़ांध भर जाने का अहसास होने लगे उस ‘टॉयलेट’ जैसे सड़े से सब्जेक्ट पर अक्षय कुमार की फिल्म सौ करोड़ी क्लब में शामिल हो जाएगी। …
Read More »मॉं की आराधना में ये दो मन कैसे?
पत्थर की मूर्ति के प्रति अपार आस्था और समाज की बहन-बेटियों के प्रति नजरों में हिंसक भाव ! नवरात्रि का पर्व चल रहा है, गलियों, चौराहों, कॉलोनियों सभी जगह मॉं की आराधना का सागर हिलोरे ले रहा है। गरबों-उपवास के इन नौ दिनों में मॉं से जो मांगा जाए वो सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं। तो क्या मांगे मां …
Read More »छात्राओं के गुस्से को समझ नहीं पाया बीएचयू प्रशासन
मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में थे और पुलिस लाठियां बरसा रही थी छात्राओं पर ! प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस, और वहां भी वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जहां मदनमोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मोदी ने अपने लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। उस बीएचयू में तब ही प्रदर्शन आंदोलन चरम पर रहा जब प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र …
Read More »शौचालय के लिए जो जितने अधिक गड्ढे खोदे उसे मिले श्रेष्ठ शिक्षक का सम्मान !
गांवों में तो आज भी माट्साब ही कहा जाता है जो सुधर कर शहरों में आते आते मास्टर हो जाता है। वैसे तो यह अंग्रेजी का शब्द है जिसका आसान हिंदी तर्जुमा शिक्षक समझा जाता है, टीचर का अर्थ भी यही मान लिया जाता है। पन्ना सीईओ ने तो मास्टर का यही अर्थ समझा है जो हर काम में महारत …
Read More »सवा सौ साल पहले पांव पेटी थी पियानो समान
जो वाद्य देखे सुने नहीं, उन्हें सब देख सकें यह अवसर जुटाया है गौतम काले ने अाज शास्त्रीय संगीत की महफिल में जो हारमोनियम हाथ से बजाया जाता है एक सदी पहले इसे पांव पेटी नाम से जाना जाता था । पियानो के आकार वाली इस पांव पेटी में नीचे पेडल लगे रहते हैं जिन्हें निरंतर दबाने से धम्मन (हवा …
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